धागे को बुनने वाले न जाने कितने
ताने बाने , सब उलझे एक दूसरे से
ताने बाने , सब उलझे एक दूसरे से
किस ख्याल को धागे से बाँध
गाँठ लग दूँ , ख्याल भी उलझे उलझे
ताने बाने से और मजबूत धागे
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ताने बाने से और मजबूत धागे
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कुछ किस्से यूँ बयान नहीं होते
जहन को टटोलना होता है
रात भर वो लोहे का संदूक
छान मारा तुम्हारी एक पुरानी
तस्वीर के लिए.....
जहन को टटोलना होता है
रात भर वो लोहे का संदूक
छान मारा तुम्हारी एक पुरानी
तस्वीर के लिए.....
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लाइलाज गम रहा तुम्हारा जाना
हज़ारो चोट खाई मैंने ,
इस एक गम को छुपाने के लिए
हज़ारो चोट खाई मैंने ,
इस एक गम को छुपाने के लिए
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आज भी कोई सन्देश उस अमरुद
के पेड़ की शाख पर अटका है
जिस शाख पर बैठ, तुम मुझे
चिड़ाते थे...
के पेड़ की शाख पर अटका है
जिस शाख पर बैठ, तुम मुझे
चिड़ाते थे...
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किस्से कहानी जहां रोज़ बहा
करते थे आज वहां सिर्फ पानी हैं
कितनी कहानी कितने नींद में
ऊंघते वाले हम्म , पानी में
बह गए.....
करते थे आज वहां सिर्फ पानी हैं
कितनी कहानी कितने नींद में
ऊंघते वाले हम्म , पानी में
बह गए.....
कल शहर की नदी से सीप मिला
मुझे। .
मुझे। .
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ग़ाँव उजड़ गया तूफ़ान में
साँसे उधार ले राखी है उसने ,
साँसे उधार ले राखी है उसने ,
उस सूदखोर से
कब आओगे तुम , क़र्ज़ चुकाने
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आहा तुम्हारी बातेँ एक ठंडी बयार
मन को बाहा ले जाए.....
गर्मी में लूँ क्यों बहती है
मन को बाहा ले जाए.....
गर्मी में लूँ क्यों बहती है
यूँही
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