रेगिस्तान के बीचो बीच
एक टूटा फूटा सा ,रेत में
गड़ा एक मटका, जिसका
सर नहीं , पर दिल खुला है
सर नहीं , पर दिल खुला है
उसमे चंद कांसे के,चाँद से,
न चलने वाले कभी, मायूस
सिक्के पड़े है ,तुम्हारे प्रेम के
वो बीज बनकर बिखर गए
उस रात, जब समुन्दर करीब
आया , फिर गुलाब बन खिल गए
न चलने वाले कभी, मायूस
सिक्के पड़े है ,तुम्हारे प्रेम के
वो बीज बनकर बिखर गए
उस रात, जब समुन्दर करीब
आया , फिर गुलाब बन खिल गए
गोया जादूगर है प्रेम
***************************
कुछ सिक्को के बदले
वो यूँ दुआ बुदबुदाता है
जैसे उसका बड़ा याराना
हो खुदा से
इश्क़ में एक तू ही अपना
बाकी सारी दुनिया झूठी
*****************************
वो उम्रभर का साथ मांगता है
मैँ उस उम्र में उम्र भर का प्यार
अपनी अपनी रिवायतें है
निभाना जरूरी है
वो यूँ दुआ बुदबुदाता है
जैसे उसका बड़ा याराना
हो खुदा से
इश्क़ में एक तू ही अपना
बाकी सारी दुनिया झूठी
*****************************
वो उम्रभर का साथ मांगता है
मैँ उस उम्र में उम्र भर का प्यार
अपनी अपनी रिवायतें है
निभाना जरूरी है