Friday, April 27, 2012

आजकल लेन देन हमने बंद कर दिया है

न वो आते है न ही खत लिखते है
हमने भी उनका इंतज़ार छोड़ दिया है
 
कितने है रंग हर चहरे पर
एक छुपाओ,तो दूजा झँकता है
लगता है रंग बड़े सस्ते है ,,,

2 comments:

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह................

बहुत सुंदर त्रिवेनियाँ.

अनु

Neelam said...

Shukriya AnuJi.. aate rahiye.... :)