Tuesday, May 12, 2015

मेरे शोना

एक पुर्जा तुमने भेजा था
रोशनी का टुकडा डालकर
चॉद की चॉदनी भरकर 
फूलो की महक से महकाकर
उस पर लिखा था तुमने,
मैं मुस्करा कर पढ रही
हूं ...मेरे शोना

No comments: