क्यो उन दिनो केक्टस सी हो जाती है
वो, जो सिर्फ़ घर के के कोने में रहती है
जिसे छुआ नहीं जा सकता
दूर से देखा जा सकता
हज़ारो काँटे उग आते है अचानक से
भगवान की चौखट सीमा दुश्मन
की , सारा जग वैरी
वो, जो सिर्फ़ घर के के कोने में रहती है
जिसे छुआ नहीं जा सकता
दूर से देखा जा सकता
हज़ारो काँटे उग आते है अचानक से
भगवान की चौखट सीमा दुश्मन
की , सारा जग वैरी
किसान क्यों मिट्टी के साथ
खेलता है इतना
बार बार उल्ट पुलट करता
बीज बोने से पहले ,
मिट्टी की अशुद्धि से क्यो
नहीं परे होता है वो
खेलता है इतना
बार बार उल्ट पुलट करता
बीज बोने से पहले ,
मिट्टी की अशुद्धि से क्यो
नहीं परे होता है वो
भविष्य में बीज रोपित हो
फलीभूत हो
नश्वर धरती की निरंतरता
के लिए
फलीभूत हो
नश्वर धरती की निरंतरता
के लिए
पाप पुण्य से परे है औरत
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