इस बार की दिवाली पर
मुझे साहूकार ढूँढना होगा
करने होंगे कुछ सौदे ,उसके साथ ,
जिससे दिया जलाऊँ , मैं
मुझे साहूकार ढूँढना होगा
करने होंगे कुछ सौदे ,उसके साथ ,
जिससे दिया जलाऊँ , मैं
दिल के
कह दूँगी ये मन रखकर
कुछ बेमतलब की हंसी और
ठहाके मुझे दे दो , बहुत दिन हुए
जोर से हँसे हुए
बेकार के बेवजह के
रिश्तो में सब जमा पूंजी खर्च
कर दी है कुछ भी बचा नहीं
बनते बिगड़ते रिश्तो के
कह दूँगी ये मन रखकर
कुछ बेमतलब की हंसी और
ठहाके मुझे दे दो , बहुत दिन हुए
जोर से हँसे हुए
बेकार के बेवजह के
रिश्तो में सब जमा पूंजी खर्च
कर दी है कुछ भी बचा नहीं
बनते बिगड़ते रिश्तो के
खेल में, ये समझता ही नहीं
तो ऐसा किस काम का ये मन
तो ऐसा किस काम का ये मन
सोचती हूँ बेच ही दूँ कही
कोई अच्छे दाम ही मिल जाए
क्या कोई साहूकार पता है तुम्हे ??
क्या कोई साहूकार पता है तुम्हे ??
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