न जाने किन गलियों
से गुज़रे थे न जाने
किन रस्तो से ,
कुछ याद नही
जाने कहाँ कहाँ
निशान छूटे
है
तुम्हारे कदमो के
आस पास ही होंगें
मेरे कदमो के निशान
से गुज़रे थे न जाने
किन रस्तो से ,
कुछ याद नही
जाने कहाँ कहाँ
निशान छूटे
है
तुम्हारे कदमो के
आस पास ही होंगें
मेरे कदमो के निशान
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