Thursday, April 30, 2015

कविता शब्दों की

जब  हज़ार  कविता  लिखने
के बाद , इस दुनिया की
पर्दा दारी खत्म हो गयी होगी
और सच आर पार होगा तब
मेरे दोनों हाथ काट दिए जाएंगे
तभी शब्द मेरे अंतर्मन में
कही चीख रहे होंगे , सिसक
रहे होंगे , ये सब करके, वो थककर
आत्महत्या करेंगे तब तुम मेरे
शब्दों  को सहारा देना
मरने से पहले तुम उन्हें
किसी जिल्द में बंद करके  की
उन्हें आवाज़ देना , मुझे
यकीन है तभी अँधेरा कई
कोनो में छुपा हुआ  होगा ,
तब तुम ये जादुई   शब्द की
चमक दिखाकर उन कोनो
को अँधेरे की जंग से आज़ाद
कराना

करोगे  न...  बोलो
आखिर ,आखरी प्रेम होगा  वो इस संसार में

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