Thursday, April 7, 2016

चमक

वक्त ने जलाकर खाक पहला दिन  किया। 

रफ्ता रफ्ता दिल बहल रहा है फिर दुनियाँ
के तमाशो से,डर हैं फिर कहीं जले सूरज की
राख आसमान को काला न कर दे और मन
टिमटिमाते सितारो को देख अपनी
चमक ढूंढने लगे...

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